
तीर्थयात्रियों के साथ व्यवहार तीर्थक्षेत्र ही नहीं पूरे राज्य की छवि का होता है प्रतिबिंब-एस.डी.एम श्री प्रजापति
तीर्थयात्रियों के प्रति मधुर और सम्मानजनक व्यवहार करें
ओंकारेश्वर मंदिर कर्मचारियों के लिए एक दिवसीय अल्पविराम कार्यशाला हुई आयोजित
खंडवा 30 मई,2025- मां नर्मदा के पावन तट पर बसा ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, देशभर के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, जहां प्रतिवर्ष भक्त दर्शन-पूजन के लिए आते हैं। इस पवित्र तीर्थ क्षेत्र में शुक्रवार को ओंकारेश्वर प्रसादालय में आनंद विभाग द्वारा मंदिर प्रशासन के कर्मचारियों के लिए एक दिवसीय ‘अल्पविराम कार्यशाला’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अनुविभागीय अधिकारी पुनासा, श्री शिवम प्रजापति ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि तीर्थयात्रियों के प्रति मधुर और सम्मानजनक व्यवहार अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यही व्यवहार न केवल तीर्थ क्षेत्र की गरिमा को बढ़ाता है, बल्कि पूरे प्रदेश की पहचान को भी निखारता है। एक छोटी-सी भूल भी इस साख को धूमिल कर सकती है। तहसीलदार श्री राजेंद्र सस्तिया ने भी अपने विचार साझा करते हुए कर्मचारियों से तीर्थयात्रियों के साथ सेवाभाव, शालीनता और सदाचार बनाए रखने का आह्वान किया।
कार्यशाला का शुभारंभ मास्टर ट्रेनर श्री नारायण फरकले द्वारा ‘हमको मन की शक्ति देना’ प्रार्थना के साथ हुआ, जिसने सभागार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया। डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम लीडर श्री के.बी. मंसारे ने राज्य आनंद संस्थान का परिचय देते हुए ‘आनंद की ओर’ सत्र का संचालन किया, जिसमें जीवन में सुख और संतुष्टि के महत्व पर प्रकाश डाला गया। मास्टर ट्रेनर और जिला संपर्क व्यक्ति गणेश कानडे ने ‘जीवन का लेखा-जोखा’ सत्र के माध्यम से आत्ममंथन का अवसर प्रदान किया। प्रतिभागियों ने भी अपने अनुभव और विचार साझा किए, जिससे सत्र और जीवंत हो उठा।श्री नारायण फरकले ने ‘फ्रीडम ग्लास’ विधि के जरिए स्वयं में सकारात्मक परिवर्तन लाने की प्रेरणा दी।रजनी चक्रवेदी ने प्रतिभागियों के पंजीकरण में सहयोग प्रदान किया। इस कार्यशाला में 60 सेवार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे यह आयोजन न केवल प्रेरणादायक, बल्कि आत्मिक उत्थान का माध्यम भी बना।