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रिश्वत लेने वाले क्लर्क को 4 साल की सजा, 6000 रुपए की मांगी थी रिश्वत

जमीन की बही के अलग-अलग खाते बनवाने मांगी थी रिश्वत

सागर। वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज संवाददाता सुशील द्विवेदी। जमीन की बही के अलग-अलग खाते बनवाने की आवाज में रिश्वत लेने के मामले में अदालत में फैसला सुनाया है। प्रकरण की सुनवाई विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सागर आलोक मिश्रा की कोर्ट में हुई। न्यायालय ने प्रकरण में सुनवाई करते हुए रिश्वत लेने वाले आरोपी बाबू कमलेश्वर दत्त मिश्र को दोषी पाया और चार साल के

सश्रम कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है। मामले में शासन की ओर से पैरवी उपसंचालक धर्मेंद्र सिंह तारण के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी लक्ष्मी प्रसाद कर्मी ने की। अभियोजन के मीडिया प्रभारी ने बताया कि 15 फरवरी 2018 को आवेदक दुर्गा प्रसाद कुर्मी निवासी भरदी तहसील केसली ने आरोपी बाबू कमलेश्वर दत्त मिश्र के खिलाफ पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त कार्यालय सागर में

शिकायत की थी। शिकायती आवेदन में बताया कि उसके दो भाई थे जिनमें मजले भाई जमुना की मृत्यु हो चुकी है उनका आपसी बंटवारा हो गया था लेकिन जमीन का भाई खाता एक ही बना था। जिसमें तीन अलग-अलग खाते बनवाने के लिए तहसील किस लिए पदस्थ आरोपी कमलेश्वर दत्त मिश्रा से मिला उन्होंने उक्त कार्य करने की एवज में ₹6000 की रिश्वत मांगी शिकायत मिलते ही लोकायुक्त

टीम ने मामले को जांच में लिया। जांच करते हुए मामले से जुड़े साक्ष्य जुटाए। शिकायत की पुष्टि होते ही कार्रवाई के लिए टीम गठित की गई। लोकायुक्त की टीम कार्रवाई के लिए केसली पहुंची। लोकायुक्त टीम ने शिकायतकर्ता को रिश्वत की राशि लेकर मिश्रा बाबू के पास भेजा। उसने आरोपी की रिश्वत की राशि ₹6000 दिए। इशारा मिलते ही लोकायुक्त टीम ने मौके पर दबिश और बाबू को रिश्वत की राशि

के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया। बाबू के पेंट की जेब से रिश्वत की राशि जब्त की गई। मामले में लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया। जांच पूरी होने पर चालान कोर्ट में पेश किया। न्यायालय ने प्रकरण में सुनवाई शुरू की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने प्रकरण से जुड़े साक्ष्य व दस्तावेज कोर्ट में पेश किये। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना और साक्ष्य के आधार पर फैसला सुनाते हुए आरोपी कमलेश्वर तत्व मिश्रा को 4 वर्ष के कार्यवाही की सजा सुनाई।

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