संवाददाता अखिलेश विश्वकर्मा का रिपोर्ट गढ़वा से गढ़वा जिले के किसानों को झारखंड राज्य फसल राहत योजना का लाभ नहीं मिल सका सरकारी कार्यालयों में धीमी गति से चल रहे सत्यापन कार्य में पिछले दो साल के कालखंड में साठ फीसदी किसानों के आवेदन का सत्यापन हो सका है बाकी चालीस फीसदी आवेदन के सत्यापन में कितना समय लगेगा स्वत: समझा जा सकता है।
बीते वर्ष 2022 – 023 में संपूर्ण गढ़वा जिला सुखाड़ के दौर से गुजर रहा था जैसे तैसे कर परिवार को भूखमरी से उबारने के ख्याल से जिले के एक लाख चार हजार एक सौ एकतालिस किसानों ने भूगर्भीय जल के माध्यम से काफी मेहनत एवं कर्ज लेकर रबि फसल की खेती किया था मगर भीषण सुखाड़ की स्थिति में भूगर्भीय जल स्तर काफी नीचे चले जाने के वजह से रबि का फसल भी सुखाड़ की भेंट चढ़ गया भीषण सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए विभिन्न राजनीतिक संगठनो के सरकार विरोधी प्रदर्शन केअलावा किसान संगठन द्वारा सरकार से राहत की मांग के मद्देनजर राज्य सरकार ने उपायुक्त के माध्यम से सुखाड़ की स्थिति संबंधी रिपोर्ट लिए जाने के बाद किसानों को बतौर राहत पैंतीस सौ रुपए देने की घोषणा की गई बाद में जिले के सभी अंचलों के माध्यम से आवेदन लिए गए जिसमें संपूर्ण गढ़वा जिले के बीस अंचलों में एक लाख चार हजार एक सौ एकतालिस किसानों ने फसल राहत पाने के लिए तत्काल आवेदन जमा किए थे जिसमें रंका प्रखंड से 3786 रमकंडा से 260 चिनियां से 647 भंडरिया से 688 बड़गड़ से 121 बरडीहा से 6273 भवनाथपुर से 2564 बिशुनपुरा से 1852 डंडा से 1043 डंडई से 13862 धुरकी से 4752 गढ़वा से 5940 कांडी से 5517 केतार से 9186 खरौंधी से 2778 मझियांव से 9383 मेराल से 10559 नगर उंटारी से 4593 सगमा से 5261तथा सर्वाधिक मेराल प्रखंड के 15076 किसानों ने सरकार द्वारा घोषित राहत राशि पाए जाने को लेकर आवेदन दिया था मगर आलम यह है कि इन दो वर्ष के कालखंड में अभी तक बासठ हजार आवेदनों का सत्यापन हो सका है तथा अभी भी बयालिस हजार एक सौ चालीस आवेदनो का सत्यापन कार्य मूषक गति से जारी है जिसे आगामी विधानसभा चुनाव के पूर्व पूरा होने की संभावना जताई जा रही है और राहत राशि कब तक मिलेगी कहा नहीं जा सकता क्योंकि उसी काल खंड में राज्य सरकार द्वारा सुखाड़ राहत के तहत किसानों को मुआवजा दिया जाना था जिले के लाखों किसानों ने काफी खर्च कर आवेदन जमा किया था मगर मुवावजा दिए जाने के समय तीन बिंदुओं की शर्तें लगाई गई जिसके तहत प्रथम बिन्दु के तहत कुछेक किसानों को मुआवजा राशि मिली बाकी लोग अभी भी राह ताक रहे हैं।