साइबर ठगी में जिले में पहला निर्णय , नाइजीरियन को सजा
सिविल लाइंस क्षेत्र में रहने वाली सऊदी अरब की शिक्षिका से मैट्रिमोनियल साइट पर फेक अकाउंट बनाकर ठगी करने वाले नाइजीरियन को शनिवार सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है । एसीजेएम चतुर्थ शिवांक सिंह की अदालत ने यह निर्णय सुनाया । दोषी पर 10 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है । इसमें से पांच लाख रुपये पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं । पुलिस के अनुसार जिले में यह पहली सजा है । 24 जुलाई 2021 को शिक्षिका के साथ ठगी हुई थी । शातिर ने शादीडाटकाम पर पहले उनसे दोस्ती की , फिर महंगा गिफ्ट भेजने का झांसा दिया । गिफ्ट पर लगने वाले कस्टम चार्ज आदि के नाम पर खातों में 4.80 लाख रुपये डलवा लिए । जिस खाते में रकम गई , वह चेन्नई का था और तमिलनाडु के पेरंबूर की महिला इनग्रिट ग्रांट के नाम पर था । पता चला कि शातिर ने ग्रांट को भी रिश्तेदार बनकर झांसे में लिया और 25 हजार रुपये ठगे थे । उसके नाम का नया खाता खुलवाकर सिम कोरियर से अपने पास मंगा ली थी । उसी सिम से खाता आपरेट कर रहा था । पुलिस ने उस खाते में पंजीकृत मोबाइल नंबर की लोकेशन देखी , जो दिल्ली के उत्तम नगर में मिली । ठगी की रकम भी उसी क्षेत्र में निकाली गई । वह नंबर छह आइएमईआइ आइ में चला था । इसके बाद साइकैप्स टूल में नंबर व खाता संख्या डाली गई , जहां से नई दिल्ली के जनकपुरी के पंखा रोड के चाणक्य प्लेस निवासी नाइजीयिरन ओनेका सोलोमन विस्डम उर्फ साइमन का नाम सामने आया । साइमन तेलंगाना ( हैदराबाद ) की चंचलगुडा जेल में बंद था । उसे हैदराबाद पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था । उससे बरामद मोबाइल फोन में चले एक अन्य नंबर से एक और आइएमईआई नंबर मिला । उसी आइएमईआई नंबर पर महिला के खाते में पंजीकृत मोबाइल नंबर चलाया गया था । इसके बाद साइमन को 15 अगस्त 2022 को यहां तलब कराया गया । करीब डेढ़ माह बाद वह दोबारा आया , तब से जिला कारागार में था । अदालत में 13 गवाह कराए गए । इसमें 80 वर्षीय इनग्रिट ग्रांट की गवाही कराई गई , जिन्हें तमिलनाडु से बुलाया गया । बैंक अधिकारी आशुतोष कुमार मित्तल को मुंबई , मोबाइल कंपनी के अधिकारी कौशलेंद्र त्रिपाठी को लखनऊ से बुलाकर गवाही कराई गई । अदालत ने साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर साइमन को दोषी करार देते हुए निर्णय सुनाया ।