
📅 5 अगस्त 2025 | हलधर माउ, गोंडा
लोक भारती रजिस्ट्रार एवं कर्मचारियों के सहयोग से गौ आश्रय केंद्र भुलभुलिया एवं मैजापुर में हरिशंकरी कार्यक्रम का भव्य रूप से स्वागत हुआ।
कार्यक्रम में शामिल हैं प्रधान, सचिव, कैडेट विभाग के अधिकारी और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित।
हरिशंकरी वृक्ष (बरगद, पीपल, पाकड़) के उपयोग से न केवल पर्यावरण को शुद्ध हवा और छाया मिलेगी, बल्कि जैव विविधता को भी बढ़ावा मिलेगा। यह परंपरा भारतीय संस्कृति में त्रिवेणी के रूप में जानी जाती है और इसे दीर्घायु, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
ग्रामवासियों ने वृक्षों की सुरक्षा, नियमित सिंचाई और देखभाल का समर्थन बढ़ाने का संकल्प लिया। स्ट्रेटेमा ने कहा कि “वृक्ष केवल उपचार नहीं, जीवन का आधार हैं।”
कार्यक्रम का समापन “हरियाली ही हमारी रियल एस्टेट है” और “पेड़ लगाओ – जीवन बचाओ” जैसे नारियों के साथ हुआ।