चालीसगांव:- रहीपुरी, जामदा क्षेत्र में गिरणा नदी तल से बड़े पैमाने पर रेत का खनन और परिवहन किया जा रहा है।
इस स्थान पर रेत निकालने और भंडारित करने तथा भंडारित रेत को बेचने का ठेका पाने वाले सैकड़ों एकाधिकारवादी अपने निजी डंपरों और ट्रैक्टरों के माध्यम से बड़े पैमाने पर नदी के किनारे और जामदा बांध क्षेत्र से रेत का अवैध परिवहन कर रहे हैं और इसकी जानकारी तहसीलदार को है।
लेकिन इनमें से किसी भी अधिकारी में रेत तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं है। क्योंकि ये सभी मंडलियां सत्ताधारी दल के जन प्रतिनिधियों के पक्ष में हैं, इसलिए यदि इनके खिलाफ कार्रवाई की गई तो अंधकारियों को डर है कि चालीसगांव जैसे भ्रष्ट हप्ताखोरी वाले शहर चालीसगांव से बिना वजह उनका तबादला कर दिया जाएगा।
तीन-चार दिन पहले भोरस और जामदा तथा भवाली और भऊर के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपनी जान पर खेलकर तीन-चार तलाठियों की मदद से रेत से भरे दस-बारह डंपरों को पकड़ लिया था, लेकिन इसी स्थान पर कुछ सत्ताधारी कार्यकर्ताओं ने तलाठियों के साथ अभद्रता की। उन्हें कहा गया कि आप कोई कार्रवाई न करें।जिससे ये डंपर बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दिए गए।
वरिष्ठजनों ने इन तलाठियों को कोई मदद नहीं की, सुरक्षा भी नहीं दी, पुलिस भी मदद के लिए नहीं आई क्योंकि सभी लोग रेत तस्करों से जुड़े हुए हैं और इस रेत तस्करी में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दिखावा करते हैं कि वे व्यापार कर रहे हैं लेकिन वास्तव में वे रेत निकालते हैं और गिरणा नदी तल से अवैध रेत परिवहन करते हैं। इन रेत तस्करों की मासिक आय एक दो लाख नही बल्कि एक करोड़ के करीब है। रहीपुरी के पास जामदा बांध से नियमित रूप से रेत खनन होता रहता है।
अपराधी अधिकारियों पर बहुत दबाव बनाते हैं, उन्हें हफ्ते के रूप में भुगतान करते हैं, पुलिस को भी हप्ते के रूप में भुगतान किया जाता है और इसलिए मेहुणबारे पुलिस स्टेशन, ग्रामीण पुलिस स्टेशन और शहर पुलिस स्टेशन भी रेत तस्करों के खिलाफ कोई कार्रवाई करते नहीं दिख रहे हैं।