
“आज सुबह से ज़ाहिद गाज़ी एडवोकेट नि. जिलाअध्य्क्ष समाजवादी छात्र सभा बदायूं को और चौधरी फैजान राईन को पुलिस द्वारा नज़रबंद कर लिया गया।
कारण सिर्फ़ इतना है कि पुलिस को सूचना मिली थी कि मैं लखनऊ किसी आंदोलन में जाने वाला हूँ।
मैं स्पष्ट कर दूँ —मैं समाजवादी छात्र सभा का जिला अध्यक्ष हूँ, और आंदोलन में जाना, आवाज़ उठाना, सवाल पूछना मेरा संवैधानिक अधिकार है — कोई अपराध नहीं।
बिना किसी लिखित आदेश, बिना किसी नोटिस,
केवल ‘सूचना’ और ‘आशंका’ के आधार पर
मुझे घर से बाहर निकलने से रोका गया।
यह नज़रबंदी मेरी नहीं, लोकतंत्र की सोच की है।
अगर लखनऊ जाकर छात्रों और युवाओं की बात रखना
सिस्टम को असहज करता है, तो यह असहजता ज़रूरी है।
समाजवादी विचारधारा डर से नहीं चलती, संघर्ष से चलती है। नज़रबंदी से रास्ते रुक सकते हैं, इरादे नहीं













