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*मध्य प्रदेश में ई-कार पर 25 हजार और दो पहिया ईवी की खरीद में पांच हजार रुपये की मिलेगी छूट*

 

🎯 त्रिलोक न्यूज चैनल

          उज्जैन

 

मध्य प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति शुरू की है। मध्य प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति (subsidies on electric vehicles in MP) शुरू की है। इस नीति के तहत इलेक्ट्रिक कारों पर 25,000 रुपये और दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5,000 रुपये की छूट दी जाएगी। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी।

 

मध्य प्रदेश की इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2025 के तहत अब प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकरण पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। दो पहिया, तीन पहिया और कार के लिए एक वर्ष तक रोड टैक्स फ्री रहेगा। दो पहिया वाहनों पर पांच हजार, तीन पहिया पर 10 हजार और ई कार पर 25 हजार रुपये की छूट वाहन कर और पंजीयन शुल्क में एक वर्ष के लिए मिलेगी।

 

बस, स्कूल बस को रोड टैक्स, पंजीयन और परमिट में दो साल तक छूट दी जाएगी, ट्रक, ट्रैक्टर और एम्बुलेंस को केवल वाहन कर और पंजीयन में छूट मिलेगी। चार्जिंग स्टेशन पर 30 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।

 

इनमें छोटे, मध्यम और बड़े चार्जिंग स्टेशन में 30 प्रतिशत अनुदान और बैटरी स्वैपिंग स्टेशन के उपकरणों की लागत पर यह सब्सिडी मिलेगी। पहले नीति में केपिटल सब्सिडी देने की तैयारी थी, लेकिन वित्त विभाग की असहमति के बाद किसी भी वाहन पर केपिटल सब्सिडी नहीं मिलेगी।

 

पांच साल की अवधि की इस नीति में 80 प्रतिशत सरकारी वाहन इलेक्ट्रिक किए जाएंगे। इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदी पर प्रोत्साहन राशि मिलेगी। मध्य प्रदेश में पंजीकृत सभी ईवी को ग्रीन नंबर प्लेट जारी की जाएगी। व्यक्तिगत उपयोग वाले ईवी को सफेद अक्षरों वाली एवं व्यावसायिक उपयोग वाले ईवी को पीले अक्षरों वाली ग्रीन नंबर प्लेट जारी की जाएगी। सार्वजनिक स्थलों पर चार्जिंग स्टेशनों के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।

 

सभी पंपों पर लगेंगे इलेक्ट्रिक चार्जिंग प्वाइंट

राजमार्गों, प्रमुख सड़कों पर प्रत्येक 20 किलोमीटर पर एक चार्जिंग स्टेशन, राजमार्गों पर प्रत्येक 100 किलोमीटर पर लंबी दूरी/ हेवी-ड्यूटी इलेक्ट्रिक वाहन के लिए फास्ट चार्जिंग स्टेशन (दोनों तरफ) लगाए जाएंगे। प्रत्येक एक किमी बाई, एक किमी ग्रिड में कम से कम एक चार्जिंग स्टेशन होगा। नीति अवधि के अंत तक सभी पेट्रोल पंपों पर कम से कम एक इलेक्ट्रिक चार्जिंग प्वाइंट लगाया जाएगा।

 

मध्य प्रदेश ईवी प्रमोशन बोर्ड का गठन होगा। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन शहरों को मॉडल इलेक्ट्रिक व्हीकल शहर बनाया जाएगा। पर्यटक, गांव, धार्मिक और पुरातात्विक महत्व के स्थान, प्रौद्योगिकी केंद्र, विशेष आर्थिक क्षेत्र, व्यावसायिक क्षेत्र में ई-मोबिलिटी जोन बनाए जाएंगे। इलेक्ट्रिक वाहनों के स्टार्टअप के लिए इन्क्यूबेशन केंद्रों की संख्या में वृद्धि की जाएगी।

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