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कुशीनगर की महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब उनके उत्पादों की बिक्री की जिम्मेदारी आकांक्षा समिति संभालेगी।
कुशीनगर जिलाधिकारी की पत्नी और आकांक्षा समिति की अध्यक्ष डॉ. अंगिरा भारद्वाज ने इस महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है।
जिले में वर्तमान में 2,457 महिला स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं, जिनमें सुकरौली विकासखंड में 1,012, हाटा में 570 और मोतीचक ब्लॉक में 935 समूह कार्यरत हैं।
इन समूहों में कई महिलाएं विभिन्न उत्पाद बना रही हैं। मिश्रौली गांव का खुशी स्वयं सहायता समूह नमकीन, सुबुधिया गांव का सरस्वती समूह दोना-पत्तल और शिवम समूह अगरबत्ती का उत्पादन कर रहा है।आकांक्षा समिति अब इन उत्पादों को बेचने के लिए विभिन्न स्थानों पर स्टॉल लगाएगी। इसकी शुरुआत प्रयागराज कुंभ मेले से हो चुकी है, जहां 45 दिनों तक कुशीनगर का स्टॉल लगा रहेगा। यह पहल उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो बाजार की कमी के कारण अपने उत्पादों का निर्माण बंद कर चुकी थीं।मोतीचक ब्लॉक की महिलाएं समूह से लोन लेकर विभिन्न वस्तुओं का निर्माण कर रही हैं। आकांक्षा समिति की यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी, बल्कि उन्हें अपने उत्पादों की बिक्री की चिंता से भी मुक्त करेगी। इस कदम से स्थानीय उत्पादों को बाजार में पहचान मिलने की उम्मीद है।