
पीड़ित का आरोप है कि कानूनगो व कौड़िया पुलिस स्टे को दरकिनार कर भूमि पर अवैध कब्जा कराने पर आमादा।
गोंडा। जिले के थाना कौड़िया क्षेत्र के ग्राम कोटिया मदारा स्थित गाटा सं० 604 में एक गरीब पीड़ित की रोड किनारे की बेशकीमती भूमि पर दबंग भूमाफियाओं की नजर है और पीड़ित का आरोप है कि दबंग भूमाफिया लोग कानूनगो और कौड़िया पुलिस की मिलीभगत से स्टे आदेश को दरकिनार कर विवादित भूमि पर जबरन अवैध कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। मामला ग्राम न्यायालय तहसील कर्नलगंज में विचाराधीन है, जहां न्यायालय ने भूमि की यथास्थिति बनाए रखने का स्थगनादेश जारी किया है। इसके बावजूद दबंग भूमि की नवैयत बदलने की फिराक में हैं। पीड़ित पिछले आठ महीनों से अपनी जमीन बचाने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा है,लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। हताश होकर पीड़ित ने पूर्व में आत्मदाह की चेतावनी भी दी है। इस मामले ने स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पीड़ित ने जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है,ताकि उसकी जमीन को अवैध कब्जे से बचाया जा सके और उसे न्याय मिले। उन्होंने शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस तहसील कर्नलगंज व इसके पूर्व जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र सौंपकर बताया है कि उनकी पुश्तैनी कृषि भूमि गाटा संख्या 604 पर दबंग भूमाफिया लोग जबरन अवैध कब्जा करने पर आमादा हैं। आरोप है कि कानूनगो व कौड़िया पुलिस की मिलीभगत से विपक्षी दबंगई के बल पर जबरन अवैध कब्जा करने की फिराक में हैं और प्रशासन इस मामले में मौन है। यह भूमि गंगवल-दुबहा बाजार रोड के किनारे स्थित है और राजस्व अभिलेखों में गया प्रसाद के नाम दर्ज है। ग्राम न्यायालय करनैलगंज ने 6 दिसंबर 2024 को उनके पक्ष में अंतरिम निषेधाज्ञा जारी की,जिसमें विपक्षियों निरंजन, मुकेश, राकेश पुत्रगण विजयराज, विजयराज पुत्र सत्यपाल और रेनू पत्नी निरंजन को भूमि पर कब्जा करने से रोका गया है,फिर भी ये दबंग लगातार अवैध कब्जे का प्रयास कर रहे हैं। गया प्रसाद का आरोप है कि विपक्षी भूमाफिया हैं और उनकी स्थानीय पुलिस व प्रशासन से मिलीभगत है। पीड़ित का कहना है कि पिछले आठ महीनों से वह थाना कौड़िया के एसएचओ से 22 बार गुहार लगा चुके हैं,लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। गया प्रसाद का कहना है कि उनके बच्चे भूखे मरने की कगार पर हैं,क्योंकि दबंग खेत में जुताई-बुआई नहीं करने दे रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि 10 जुलाई 2025 की सुबह 11 बजे तक उन्हें न्याय ना मिला तो वह परिवार सहित आत्मदाह करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी मौत की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।