
जम्मू कश्मीर: उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने आज कहा कि पुंछ-तंगमर्ग सड़क परियोजना को केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) के समक्ष नए सिरे से उठाया जाएगा। उपमुख्यमंत्री फारूक अहमद शाह द्वारा उठाए गए प्रश्न तथा उसके बाद एजाज जान और मोहम्मद अकरम चौधरी द्वारा उठाए गए पूरक प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि लोरन के रास्ते पुंछ-तंगमर्ग सड़क को भारत सरकार द्वारा मंजूरी नहीं दी गई है।
सड़क के संरेखण में परिवर्तन के संबंध में विधायकों द्वारा उठाई गई चिंताओं का समाधान करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क परिवर्तन के मुद्दे को हल करने के लिए जांच की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि मामले की जांच के लिए एक समिति भी गठित की जाएगी जिसमें संबंधित अधिकारी और प्राधिकारी शामिल होंगे।
उन्होंने आगे कहा कि यह पीर-पंजाल को कश्मीर घाटी से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण सड़क है और इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होने के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस सड़क का दोनों क्षेत्रों के लोगों के लिए सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व है।
सिंचाई नहरों पर अतिक्रमण के खिलाफ अभियान एक नियमित अभ्यास: जावेद राणा
जल शक्ति मंत्री जावेद अहमद राणा ने आज सदन को बताया कि विभाग बिजबेहरा में सिंचाई नहरों से अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन के साथ समन्वित कार्रवाई करता है।
मंत्री विधायक बशीर अहमद वीरी द्वारा उठाए गए एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।
मंत्री ने कहा कि अतिक्रमण विरोधी अभियान एक सतत प्रक्रिया है और वर्ष 2024-25 के दौरान आम जनता को कुल 39 नोटिस दिए गए हैं। उन्होंने आगे बताया कि नंदी नहर से 700 पेड़ हटाए गए हैं।
गाद निकालने और ड्रेजिंग के संबंध में मंत्री ने कहा कि यह एक नियमित प्रक्रिया है जो कन्वर्जेंस कार्यक्रम के तहत सिंचाई सीजन शुरू होने से पहले की जाती है। उन्होंने सदन को बताया कि श्रीगुफवारा बिजबेहरा निर्वाचन क्षेत्र में सिंचाई नेटवर्क नंदी और दुबजी नहरों पर निर्भर है। इन नहरों में रिसाव और तटबंध टूटने की समस्या है, जिस पर तुरंत कार्रवाई की जाती है और सूचना मिलने पर अतिक्रमण को हटाया जाता है।
बटामालू में मिनी सचिवालय निर्माण पर 9.82 करोड़ रुपये खर्च
बटामालू में मिनी सचिवालय के निर्माण पर अब तक 9.82 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
सदस्य तारिक हमीद कर्रा द्वारा उठाए गए एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री की ओर से उत्तर देते हुए शिक्षा मंत्री सकीना इटू ने यह जानकारी दी।
उन्होंने सदन को बताया कि परियोजना को क्रियान्वित करने का निर्णय 4 अक्टूबर, 2017 को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री (जिला विकास बोर्ड के अध्यक्ष) की अध्यक्षता में आयोजित जिला विकास बोर्ड की बैठक के दौरान लिया गया था।
‘बटामालू में मिनी सचिवालय का निर्माण’ नामक परियोजना 2018 में तकनीकी रूप से जांची गई 48.23 करोड़ रुपये की लागत के साथ शुरू हुई थी। मंत्री ने कहा, “परियोजना के लिए 1 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी, जिसके विरुद्ध 82 लाख रुपये खर्च किए गए हैं।” उन्होंने आगे बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान, अतिरिक्त 9 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जिससे परियोजना पर अब तक कुल खर्च 9.82 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने कहा, “यह उल्लेख करना उचित है कि परियोजना की पाइल फाउंडेशन का काम पूरा हो चुका है।” मंत्री ने यह भी बताया कि निष्पादन एजेंसी ने अब 80.26 करोड़ रुपये की संशोधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) प्रस्तुत की है, जो वर्तमान में विभाग के विचाराधीन है। कैंसर उपचार, स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को उन्नत किया जा रहा है: स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री सकीना इटू ने आज सदन को सूचित किया कि जम्मू और कश्मीर में कैंसर का पता लगाने और उपचार के लिए स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को उन्नत किया जा रहा है। मंत्री विधानसभा में तनवीर सादिक के एक प्रश्न का उत्तर दे रही थीं। उन्होंने कहा कि जनसंख्या आधारित कैंसर रजिस्ट्री के अनुसार, 2018-2024 के बीच कश्मीर संभाग में 50551 मामले और जम्मू संभाग में 13912 मामले दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि सालाना 2 प्रतिशत से 3 प्रतिशत मामलों में वृद्धि भी देखी जा रही है। मंत्री ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में कैंसर के रोगियों को एसकेआईएमएस श्रीनगर और जीएमसी, जम्मू में विशेष उपचार दिया जाता है, जिसमें रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, क्रिटिकल केयर आईसीयू, न्यूरो आईसीयू, सीवीटीएस आईसीयू, पल्मोनरी आईसीयू और पीडियाट्रिक आईसीयू सहित विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी मेडिकल कॉलेज, जम्मू वर्तमान में कैंसर रोगियों को ओपीडी सेवाएं, कीमोथेरेपी, पीईटी सीटी स्कैन, ब्रेकीथेरेपी, रेडियोलॉजी टेस्ट, डिजिटल रेडियोग्राफी और कोलपोस्कोपी प्रदान कर रहा है। मंत्री ने कहा कि राज्य कैंसर संस्थान एसकेआईएमएस सौरा में कार्यात्मक है, जिसे 05 दिसंबर, 2020 को चालू किया गया था और इसमें मेडिकल ऑन्कोलॉजी रोगियों, क्लिनिकल हेमेटोलॉजी और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी और इन-पेशेंट्स के लिए रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के लिए डे केयर सुविधा है।
उन्होंने आगे कहा कि राज्य कैंसर संस्थान, एसकेआईएमएस की तीसरी मंजिल