
खरगोन से अनिल बिलवे की खास रिपोर्ट /कलेक्टर सुश्री मित्तल ने भगवानपुरा के अस्पताल का किया निरीक्षण
कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल ने 19 फरवरी को भगवानपुरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं को देखा। इस दौरान उन्होंने अस्पताल के पोषण पुनर्वास केन्द्र, प्रसूति वार्ड, बर्थ वेटिंग रूम, ओपीडी का निरीक्षण किया और मरीजों से वहां मिल रही सुविधाओं के बारे में चर्चा की। निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आकाश सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एमएस सिसोदिया भी मौजूद थे।
कलेक्टर सुश्री मित्तल ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के निरीक्षण के दौरान निर्देशित किया कि पोषण पुनर्वास केन्द्र के सभी बेड हर समय भरे रहना चाहिए। इसका कोई भी बेड खाली नहीं रहना चाहिए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की जिम्मेदारी है कि वह अपने क्षेत्र के कुपोषित बच्चे को इस केन्द्र में उपचार के लिए भर्ती कराये। अस्पताल के चिकित्सक भी इस बात का ध्यान रखे कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराएं गए बच्चे का सही उपचार हो और वह कुपोषण की श्रेणी से बाहर आ जाए।
कलेक्टर सुश्री मित्तल ने भगवानपुरा के अस्पताल में साफ-सफाई एवं स्वच्छता की व्यवस्था को दुरूस्त बनाएं रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल के सभी चिकित्सक एवं कर्मचारी निर्धारित समय पर अनिवार्य रूप से उपस्थित रहे, जिससे मरीजों को किसी तरह की परेशानी न हो। उन्होंने निर्देशित किया कि भगवानपुरा विकासखण्ड आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। अतः इस क्षेत्र में शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव होना चाहिए। आशा कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आपस में समन्वय कर गर्भवती महिला को प्रसव के लिए अस्पताल लाना सुनिश्चित करें। जिन क्षेत्रों में गर्भवती महिला को अस्पताल लाने के लिए वाहन उपलब्ध न हो, वहां पर अशासकीय संस्था या संबंधित ग्राम पंचायत से गर्भवती महिला को अस्पताल लाने की व्यवस्था की जाए।