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पीजी कॉलेज खरगोन में हर्षाेल्लास से मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
खरगोन से अनिल बिलवे की खास रिपोर्ट /
प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस खरगोन में प्राचार्य डॉ. शैली जोशी के मार्गदर्शन में 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर निबंध प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। संगोष्ठी में विभिन्न भाषाओं के विद्वानों ने मातृभाषा के महत्व और उसकी वर्तमान स्थिति पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. वंदना बर्वे ने कहा कि हमें अपनी मातृभाषा के प्रति गर्व होना चाहिए और इसे संजोकर रखना चाहिए। मातृभाषा केवल संचार का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान की आधारशिला भी है। प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. गणेश पाटिल ने भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित विभिन्न प्रयासों से विद्यार्थियों को अवगत कराया।
हिंदी विभाग के डॉ. रमेश चौहान ने भारतीय भाषाओं के मह्त्व को प्रतिपादित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर आदि जिलों में बारेली, भिलाली और भीली भाषा परम्परागत भाषाएं है, जो कि भारतीय ज्ञान परम्परा का आधार है। बारेली के शब्द जैसे- पाहन्तेरिया, नेवतालां, गुवाल्या आदि शब्द विशिष्ट शब्द है। जिनका भावार्थ उस समुदाय की जीवन-शैली में सहयोगी है। संगोष्ठी में संस्कृत विभाग के प्रो. गोविंद मेहरा ने कहा कि संस्कृत भारतीय भाषाओं की जननी है और हमें अपनी जड़ों को समझने के लिए इसे संरक्षित रखना होगा। अंग्रेजी विभाग के डॉ. रंजीता पाटीदार ने कहा कि वैश्वीकरण के इस युग में अंग्रेजी का महत्व बढ़ा है, लेकिन यह मातृभाषा के स्थान को नहीं ले सकती। हमें अपनी मातृभाषा के साथ-साथ अन्य भाषाओं को भी सीखना चाहिए।
उर्दू विभाग के प्रो. अकबर अली ने उर्दू की मिठास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उर्दू प्रेम, साहित्य और संस्कृति की भाषा है, जो सभी भाषाओं का सम्मान करना सिखाती है। संगोष्ठी में उपस्थित सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों और विद्वानों ने मातृभाषा के संरक्षण और प्रचार-प्रसार का संकल्प लिया और इस तरह के आयोजनों को भविष्य में भी जारी रखने की आवश्यकता पर बल दिया। तकनीकी युग में मातृभाषा का अस्तित्व एवं चुनौतियां विषय पर आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता में समरीन खान प्रथम स्थान, रोशनी मुजाल्दे द्वितीय स्थान तथा भावना वर्मा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं शिक्षा के क्षेत्र में मातृभाषा की भूमिका विषय पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हर्ष राठौर, द्वितीय स्थान राधिका पटेल एवं तृतीय स्थान गौतम भालसे ने प्राप्त किया।